
Deepawali Shubhechchha Geet

दीपावली शुभेच्छा गीत
Deepawali Shubhechchha Geet

दीपावली शुभेच्छा गीत
तेजप्रतीकं तिमिरान्तकं च दीप्तिमन्तं शुभंकर च ।
अनामयं जीवनं संप्रदत्तंतं दीपकं प्राञ्जलिरानतोSस्मि ॥
बहुरङ्गयुक्ता रंगावलि: स्यात् सुरेखिता स्यादतिशोभिता स्यात् |
तथा नैकरूपेण हर्षेण पूर्णा दीपावलिर्भवतु आनन्दपूर्णा ||
आकाशदीपस्सुरम्यश्च भाति शोभा गृहाणां पुरतो विभाति |
मनोहरश्च शुभलाभकारी दीपोत्सवो भवतु कल्याणकारी ||
कोटिज्योतिप्रभया च युक्ता: हर्षेण स्नेहेन सदा प्रयुक्ता: |
समृद्धि सौख्यं संवर्धनीया: दीपोत्सवस्य शुभाशया: ||
तेजप्रतीकं तिमिरान्तकं च दीप्तिमन्तं शुभंकर च ।
अनामयं जीवनं संप्रदत्तंतं दीपकं प्राञ्जलिरानतोSस्मि ॥
कोटिज्योतिप्रभया च युक्ता: हर्षेण स्नेहेन सदा प्रयुक्ता: |
समृद्धि सौख्यं संवर्धनीया: दीपोत्सवस्य शुभाशया: ||
नित शुभकर सब दुखहर मनसुखकर दीपावली |
ऋतु शरद मे आवत दीपावली ||
गोवत्स को नमन धन वैभव का अर्चन
नरक अशुभ करि मर्दन श्री लक्ष्मी पूजन |
प्रतिपद दूज दिन रिश्तोंका सम्मान |
स्नेह होत नित वर्धन || दीपावली ||
नित शुभकर सब दुखहर मनसुखकर दीपावली |शुभ दीपावली ||
तेजप्रतीकं तिमिरान्तकं च दीप्तिमन्तं शुभंकर च ।
अनामयं जीवनं संप्रदत्तंतं दीपकं प्राञ्जलिरानतोSस्मि ॥
बहुरङ्गयुक्ता रंगावलि: स्यात् सुरेखिता स्यादतिशोभिता स्यात् |
तथा नैकरूपेण हर्षेण पूर्णा दीपावलिर्भवतु आनन्दपूर्णा ||
आकाशदीपस्सुरम्यश्च भाति शोभा गृहाणां पुरतो विभाति |
मनोहरश्च शुभलाभकारी दीपोत्सवो भवतु कल्याणकारी ||
कोटिज्योतिप्रभया च युक्ता: हर्षेण स्नेहेन सदा प्रयुक्ता: |
समृद्धि सौख्यं संवर्धनीया: दीपोत्सवस्य शुभाशया: ||
तेजप्रतीकं तिमिरान्तकं च दीप्तिमन्तं शुभंकर च ।
अनामयं जीवनं संप्रदत्तंतं दीपकं प्राञ्जलिरानतोSस्मि ॥
कोटिज्योतिप्रभया च युक्ता: हर्षेण स्नेहेन सदा प्रयुक्ता: |
समृद्धि सौख्यं संवर्धनीया: दीपोत्सवस्य शुभाशया: ||
नित शुभकर सब दुखहर मनसुखकर दीपावली |
ऋतु शरद मे आवत दीपावली ||
गोवत्स को नमन धन वैभव का अर्चन
नरक अशुभ करि मर्दन श्री लक्ष्मी पूजन |
प्रतिपद दूज दिन रिश्तोंका सम्मान |
स्नेह होत नित वर्धन || दीपावली ||
नित शुभकर सब दुखहर मनसुखकर दीपावली |शुभ दीपावली ||